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काहे की बात… कोई तो बताओ

mansukh bhai
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अगर मोबाइल क्रांति से सबसे ज्यादा परेशां कोई है तो वो हैं अपने मनसुख भाई. अब आप भी सोंच में पर गए होंगे की मोबाइल क्रांति से किसी को परेशानी भी हो सकती है तो वो कैसे. वो भी एक ऐसे आदमी की जिसकी शादी होने वाली है उसे भला कैसे परेशानी हो सकती है. लेकिन भैया यहाँ कहानी कुछ उलटी है.

 

अपने मनसुख भाई ठहरे बिलकुल ठेठ बिहारी. जो बात कहनी है वो ” खूंटा गार”  के कहनी है. एक बार कह दिया तो कह दिया. शादी फिक्स हो गई. जुगार की छुट्टी भी नहीं ली. दबंग वाला चस्पा कर किया, कह दिया छुट्टी प्यार से दे दो नहीं तो ले लेंगे. खैर छुट्टी मिल गई. इन दिनों वो घर पर हैं..

ये मैं कहाँ भटक गया. मैं तो आप लोगों को मनसुख भाई के मोबाइल दुश्वारी के बारे में बता रहा था….

इन दिनों जब से भाई की शादी फिक्स हुई है जिसे देखो वही मनसुख भाई से एक ही सवाल पुछ रहा है… भाभी से क्या क्या बात होती है. मनसुख भाई जिसे भी कहते हैं की बात वात कुछ नहीं होती, वही उनपर चढ़ बैठता है.  लेकिन भाई भी अपना पक्का है. कहता है जिसे देखा तक नहीं उससे बात क्या करूँ. मेरे पास कल ही मनसुख भाई का फ़ोन आया. लम्बी बात हुई, भाई ने इस बार भी  गंभीर प्रश्न किया. पूछा क्या आज से पांच दस साल पहले जब मोबाइल क्रांति नहीं आई थी तो शादी नहीं होते थे, मैंने पूछा भाई आज नाराज क्यूँ लग रहे हो,,,, तो कहने लगे, जिसे देखो ज्ञान देने में जुटा है. सभी कह रहे हैं अपनी घरवाली से शादी से पहले बात करना उतना ही जरुरी है जितना ट्रेन में चढ़ने से पहले टिकट कटवाना…..मैं समझ गया आज गुरु मेरी कान की लेकर रहेगा. खैर,,,,, मैंने उन्हें समझाया….कहा,,,,,,,,गुरु अगर इतने लोग कह रहे हैं तो जरुर कोई गूढ़ रहस्य होगा शादी से पहले मोबाइल पर बात करने में.  मेरी ये एक लाइन की बात भाई के दिल में उतर गई….. लेकिन मनसुख भाई ने भी दे दिया घुमा के…. पूछ  बैठे….यार ये बताओ शादी के पहले लोग अपनी  होने वाली लुगाई से क्या-क्या बातें करतें होंगे. क्या ये जानने के लिए भी कोई किताब है क्या????? मैं सोंच में पर गया. पुराने ज़माने में मोबाइल तो था नहीं….नहीं तो मोबाइल सूत्रा की भी रचना कोई न कोई कर ही डालता. खैर अपने  ठेठ बिहारी मनसुख भाई ने नए रचनाकारों के लिए एक सब्जेक्ट तो दे ही दिया है. मैंने भाई को ये कह कर शांत किया की मैं अभी से खोज शुरू करता हूँ और अपने शादी शुदा दोस्तों से पूछता हूँ की वो अपनी होने वाली लुगाई से शादी से पहले क्या क्या और किन किन सब्जेक्ट पर बात करते थे, मनसुख भाई की शादी में अभी कुछ दिन शेष हैं… अगर आप भी अपनी बात उनसे शेयर करना चाहते हैं तो करें… आपकी  बात उन तक मैं पंहुचा दूंगा.

एक पर्सनल गुजारिश………. अगर कोई रचनाकार शादी से पहले का मोबाइल सूत्रा लिखना चाहता है तो लिखना शुरु कर दें… क्यूँ की हो सकता है वो किसी और के काम आ जाये… किताब सुपर हिट होगी इसकी पूरी गारेंटी है,,,,,,

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